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आईलीड छात्र परिषद चुनावों में चुनावी जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बना

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० संवाददाता द्वारा ०  कोलकाता : द इंस्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप, एंटरप्रेन्योरशिप एंड डेवलपमेंट (आईलीड) ने छात्र परिषद चुनावों का आयोजन किया। इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में छात्रों और संकाय सदस्यों की उत्साही भागीदारी देखी गई, जिसने पारदर्शिता, निष्पक्षता और अनुशासन के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ किया। इन चुनावों के साथ-साथ देश की चुनावी प्रणाली पर एक विशेष जागरूकता अभियान भी चलाया गया, जो राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन परिषद (एनएएसी) तथा कॉलेज के दिशानिर्देशों के अनुरूप एक आवश्यक पहल थी।  इस अभियान के माध्यम से छात्रों को मतदान प्रक्रिया, सूचित निर्णय लेने की आवश्यकता और भावी मतदाता के रूप में अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक किया गया। कई प्रतिभागी आगामी राष्ट्रीय चुनावों में अपने जीवन का पहला वोट डालेंगे, इसलिए इस पहल में जिम्मेदारीपूर्वक मतदान करने के महत्व पर विशेष बल दिया गया। यह अभियान न केवल चुनावी जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बना, बल्कि छात्रों को लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करने वाला एक सशक्त मंच भी साबित हुआ...

स्पेन में डॉ. रमेश गांधी ने ए.आई.अवतार से दी हाईटेक प्रस्तुति

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० आशा पटेल ०  स्पेन / जयपुर। स्पेन के एलिकांटे में आयोजित 9वें वर्ल्ड सोशल मार्केटिंग कॉन्फ्रेंस में डब्ल्यू.एच.ओ. सिविल सोसाइटी कमीशन के संचार और नेटवर्किंग कार्य समूह के सदस्य डॉ. रमेश गांधी ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए एक प्रभावशाली प्रस्तुति दी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के सत्र को हाईटेक वर्चुअल अवतार द्वारा संबोधित किया । डॉ. गांधी ने "स्मैशिंग द स्मोक स्क्रीन : तंबाकू के छल विज्ञापनों को रोकने पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। डॉ. गांधी की प्रस्तुति इस सम्मेलन में भारत से एकमात्र रिसर्च पेपर था जो कि तंबाकू के भ्रामक छल-विज्ञापनों व और कपटपूर्ण मार्केटिंग षड्यंत्रों को रोकने की रणनीति पर प्रकाश डालता है।  डॉ. गांधी ने कहा कि तंबाकू एक "वैश्विक आपातकाल" है, साथ ही उन्होंने भारत में तंबाकू द्वारा की जा रही तबाही के भयावह आँकड़े प्रस्तुत किए : भारत में 26.7 करोड़ तंबाकू उपयोगकर्ता हैं। देश में तंबाकू के कारण प्रति वर्ष 13 लाख मौतें दर्ज की जाती हैं। अनुमानित वार्षिक आर्थिक बोझ 27.5 बिलियन डॉलर है, जो भारतीय रुपये ₹2.42 लाख करोड़ के बराबर है। स...

सिंधी समाज में जबरदस्त गुस्सा Sindhi Community Says

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आईएफपी के 15 साल पूरे ! दिबाकर बनर्जी, शीबा चड्ढा और जूरी लाइन-अप के साथ इस नवंबर में वापसी

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० संवाददाता द्वारा ०  Mumbai : पंद्रह वर्षों, हजारों रचनाकारों और अनगिनत कहानियों के बाद, आईएफपी एक वैश्विक मंच बन गया है जहां कल्पना को अपना दर्शक वर्ग मिलता है और विचारों को अपनी आवाज मिलती है। एक बड़े सपने के साथ एक छोटे से विचार के रूप में शुरू हुआ यह आयोजन अब रचनात्मकता संस्कृति के लिए दुनिया के अग्रणी उत्सव में बदल गया है,  जहां कला, विचार और कल्पना सबसे अप्रत्याशित तरीकों से मिलते हैं। इस 29 और 30 नवंबर को, यह लोकप्रिय रचनात्मक उत्सव महबूब स्टूडियो में कहानियों, प्रदर्शनों, कार्यशालाओं, दिलचस्प बातचीत और बहुत कुछ से भरपूर दो दिवसीय उत्सव के लिए लौट रहा है। यह एक ऐसा सप्ताहांत है जहाँ शहर की हर रचनात्मक चिंगारी एक साथ प्रज्वलित होती है! इस वर्ष आईएफपी ने यह उपलब्धि हासिल की है, तथा यह महोत्सव अपने १५ वें सीजन को अब तक का सबसे यादगार संस्करण बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है, जिसमें कहानी कहने, सहयोग और समुदाय के १५ वर्षों का जश्न मनाना, जिसने एक विचार को वैश्विक उत्सव में बदल दिया। आईएफपी के केंद्र में इसकी प्रतिष्ठित ५० घंटे की रचनात्मक चुनौतियां हैं, जिन्हें इस वर्ष...

यूपीएल ने सीओपी30 से पहले शुरू किया AFarmerCan

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० संवाददाता द्वारा ०  लंदन : यूपीएल ने अपने वैश्विक अभियान '#अफार्मरकैन वह नायक जिसके बारे में आपको पता नहीं था कि आपको उसकी ज़रूरत है' के शुभारंभ की घोषणा की। यह अभियान 10-21 नवंबर को ब्राज़ील के बेलेम में हो रहे 30वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी30) से पहले पेश किया गया है। यह अभियान किसानों का जलवायु नायक के रूप में सम्मान करता है और वैश्विक नेताओं से जलवायु के प्रति लचीलेपन (रेज़िलिएन्स) के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने का आह्वान करता है। यूपीएल 140 से अधिक देशों में, छोटे किसानों और बड़े पैमाने पर व्यावसायिक उत्पादकों के साथ मिलकर काम करती है, साथ ही उन्हें जलवायु कार्रवाई और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने वाले वहनीय कृषि समाधानों से सशक्त बनाती है। यूपीएल ने इस अनुभव का लाभ उठाते हुए, दुनिया भर के किसानों से जुड़ी 20 प्रेरक कहानियों का संकलन किया है, जिनमें दिखाया गया है कि कृषि किस तरह ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) न्यूनीकरण, ऊर्जा सुरक्षा, जल संरक्षण,  मृदा स्वास्थ्य पुनर्जनन और जैव विविधता संरक्षण को आगे बढ़ा सकती है। ये वे पांच स्तंभ हैं जो...

आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट और रिलायंस फाउंडेशन ने शूटिंग प्रोग्राम को मजबूत करने के लिए हाथ मिलाया

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० संवाददाता द्वारा ०  मुंबई : भारतीय सेना की ‘मिशन ओलंपिक्स विंग’ के तहत आने वाली आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (AMU), महू ने शूटिंग-प्रोग्राम को बढ़ावा देने के लिए रिलायंस फाउंडेशन (RF) के साथ अपनी पहली कॉर्पोरेट पार्टनरशिप की है। यह पार्टनरशिप 14 निशानेबाज़ों को सपोर्ट करेगी, जो फिलहाल एएमयू में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनमें पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले संदीप सिंह और सेना की पहली महिला सुबेदार प्रीति रजक शामिल हैं। रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर चेयरपर्सन नीता एम. अंबानी ने इस मौके पर कहा “भारतीय सेना और आर्मी मार्क्समैनशिप यूनिट (AMU) के साथ जुड़ना हमारे लिए सम्मान की बात है। यह साझेदारी केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संकल्प है, भारत को खेलों में शीर्ष स्थान दिलाने का। हम मिलकर ऐसे चैंपियनों को तैयार करेंगे जो देश का गौरव बढ़ाएँगे। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने कर्नल राजवर्धन सिंह राठौर से लेकर लेफ्टिनेंट कर्नल नीरज चोपड़ा जैसे अनेक बेहतरीन खिलाड़ियों को जन्म दिया है, जिन्होंने कई मौकों पर भारत और भारतीयों का सिर शान से ऊंचा कराया है। इस साझेदारी के तहत हमारा लक्ष्य, स्कॉलरशिप, ...

वन्दे मातरम् हमारी श्रद्धा का प्रतीक : मुख्यमंत्री

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० आशा पटेल ०  जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हम सभी राष्ट्रीय चेतना के महान गीत वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के साक्षी बन रहे हैं तथा अमर काव्य की वंदना कर रहे हैं। वन्दे मातरम् ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम को स्वर दिया जिसने करोड़ों भारतीयों के हृदय में राष्ट्रप्रेम की ज्वाला प्रज्वलित की। उन्होंने कहा कि यह केवल एक गीत नहीं है बल्कि हमारी सामूहिक चेतना, हमारी आत्मा की पुकार तथा मातृभूमि के प्रति हमारी अनंत श्रद्धा का प्रतीक है। शर्मा सवाई मानसिंह स्टेडियम में राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने अपने उपन्यास आनंदमठ में इस अमर रचना को लिखा, तब शायद उन्हें भी यह अनुमान नहीं था कि ये पंक्तियां भारत माता की आजादी के लिए लड़ने वाले लाखों वीरों का युद्धनाद बन जाएंगी। यह गीत हमारे स्वतंत्रता संग्राम का प्राणतत्व बना, क्रांतिकारियों का मंत्र और एकता का सूत्र बना। आजादी की लड़ाई से अबतक, वन्दे मातरम् हर आंदोलन, जुलूस एवं भारतीय की जुबान पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि...