सुरेखा शर्मा,लेखिका / समीक्षक [ 31 जुलाई 1880,140वीं जयंती पर प्रस्तुत विशेष आलेख ] स्त्री -विमर्श में प्रेमचंद का योगदान नींव की ईंट की तरह है।जो समाज निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाता है जिसके बिना समाज अधूरा है।वह पुरुष को आधार देती है,स्पर्धा नहीं करती। यह वह स्त्री है जो परिवार, समाज तथा राष्ट्र का निर्माण करती है। प्रेमचंद जी के नारी पात्रों ने शारीरिक सौंदर्य को महत्व न देकर हमेशा संघर्ष, परिश्रम, नैतिक मूल्य, मानवीय मूल्य और सच्चाई को महत्व दिया गया है।२१वीं सदी में जहां एक ओर नारी आदर्शों में भौतिकता के प्रति आकर्षित हो रही ऊं, वहां ऐसे समय में प्रेमचंद के नारी पात्र एक सुखद एहसास दिलाते हैं।ये नारी पात्र पाश्चात्य सभ्यता की ओर आकर्षित भारतीय नारी के समक्ष एक चुनौती बनकर खड़ी हो जाती हैं। अतः नारी में अधिकार सजगता एवं स्वयं निर्णय लेने की क्षमता की पहल मुंशी प्रेमचंद ने ही की. एक स्वस्थ समाज के निर्माण हेतु जितने भी मुक्ति संघर्ष हुए हैं उनमें से एक है 'नारी चिंतन'।समाज निर्माण में स्त्री की भूमिका मुख्य होती है।धर्म ग्रंथों में स्त्री को संसार की जननी कहा गया है। आज...
सुरेखा शर्मा (लेखिका/समीक्षक) जब भी गांधी जी का नाम लिया जाता है तो सोहन लाल द्विवेदी जी की ये पंक्तियाँ स्वतः ही स्मरण हो आती हैं----- आँसू बिखराते बीतेंगी जलती जीवन की घड़ियां बिना चढ़ाए शीश, नहीं टूटेंगी माँ की कड़ियाँ। आइंस्टाइन ने गांधी जी के लिए कहा था---- आने वाली पीढ़ियाँ शायद ही विश्वास करेंगी कि इस तरह का हाड-माँस का कोई व्यक्ति इस धरती पर चला था।वास्तव में ही साबरमती के संत ने वो कर दिखाया जिसे आज सम्पूर्ण विश्व नमन करता है। "एकाएक चल पड़ा आत्मा का पिंजर,मूर्ति की ठठरी। नाक पर चश्मा, हाथ में डंडा, कंधे पर बोरा ,हाथ में बच्चा ।''आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए । आजादी कोई वस्तु नहीं है जो उपहार में मिल जाए।उसे हासिल करना पड़ता है ,और हासिल करने के लिए लड़ना पड़ता है। ब्रिटिश शासन से भारत को आजादी भी एक लंबी लड़ाई के बाद मिली थी ।इसकी शुरुआत हुई थी गाँधी जी के चंपारण आन्दोलन से,जिसके अब सौ वर्ष पूरे हो चुके हैं।आज यह कल्पना करना मुश्किल है कि चंपारण की लड़ाई कैसी थी।यह अहिंसक आन्दोलन था। अब तक का एक ऐसा आन्दोलन जिनमें न जलूस निकले,न लाठी चार्ज न ...
० आशा पटेल ० जयपुर, CUTS इंटरनेशनल जो सार्वजनिक नीति अनुसंधान और वकालत समूह है, ने अपने "ग्लोबल अफेयर्स जयपुर ब्रेन्स ट्रस्ट" की स्थापना की घोषणा की। "ग्लोबल अफेयर्स ब्रेन्स ट्रस्ट की स्थापना राजस्थान में अंतर्राष्ट्रीय मामलों और सार्वजनिक नीति पर संवाद को विस्तारित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को एक साथ लाकर, हमारा लक्ष्य अधिक जागरूक और सक्रिय नागरिकता को बढ़ावा देना है, खासकर हमारे युवाओं के बीच," CUTS इंटरनेशनल के महासचिव प्रदीप एस. मेहता ने कहा। इस विशेषज्ञ सलाहकार समूह की उद्घाटन बैठक CUTS इंटरनेशनल के मुख्यालय, जयपुर में आयोजित की गई, जो राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय मामलों और सार्वजनिक नीति पर संवाद को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैठक के दौरान, सदस्यों ने संवाद को दिल्ली से परे विस्तारित करने की आवश्यकता पर बल दिया और "शिक्षित राजस्थान, सुरक्षित राजस्थान और विकसित राजस्थान" के एजेंडे की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता जताई। यह तीन मुख्य हस्तक्षेपों के माध्यम से होगा: एक नियमित "पब्लिक प...
डॉ. शेख अब्दुल वहाब एसोसिएट प्रोफेसर तमिलनाडु कबीर 15वीं सदी के महान संत, कवि और समाज सुधारक थे l हिन्दी साहित्य के इतिहास का दूसरा काल जिसे हम “भक्ति काल” (सं.1375 से सं.1700) के नाम जानते हैं l हिन्दी साहित्य का यह अत्यंत समृद्ध एवं महत्वपूर्ण काल अनेक दृष्टियों से स्वर्ण-युग भी कहलाता है l कबीर (सं.1455) इसी भक्ति काल के निर्गुण भक्ति धारा के ज्ञान मार्ग के प्रवर्तक थे l उन्होंने ज्ञान के द्वारा ईश्वर को पाने का मार्ग बताया l उन्होंने निराकार निर्गुण परब्रह्म की उपासना की है l ईश्वर तक पहुँचने के लिए आपने ने गुरु के महत्व को स्वीकार किया है l कबीर ने कहा – गुरु गोविन्द दोउ खड़े, काके लागों पाय । ...
० आशा पटेल ० जयपुर | ऑल राजस्थान विश्वविद्यालय पेन्शनर्स महासंघ के नेतृत्व में जयपुर के पिंक सिटी पैलेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की जिसमें महासंघ के अध्यक्ष प्रो.एच.एस.शर्मा ने सभी सदस्यों के साथ जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर की पेन्शनर्स सोसाइटी के अध्यक्ष एवं महासंघ के उपाध्यक्ष प्रो. रामनिवास शर्मा ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेन्शन भुगतान का उत्तरदायित्व राज्य सरकार तुरंत ले| क्योंकि राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों में 1990 में राज्य सरकार के आदेश से ही पेन्शन लागू की गयी थी, जिसे सभी विश्वविद्यालयों ने अपनी सक्षम बॉडीज़ से पारित कर लागू कर दिया था। साथ ही यह कहा गया था कि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर पेन्शन का प्रबंधन करेंगे। सभी विश्वविद्यालय अपने अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेन्शन का भुगतान येनकेन प्रकारेण करते रहे परन्तु अब सभी की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय हो गयी है कि किसी भी प्रकार से पेन्शन का भुगतान नहीं कर सकते हैं। शर्मा ने कहा कि जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय की आर्थिक...
० श्याम कुमार कोलारे ० छिन्दवाड़ा - विद्यार्थी अपने जीवन के अमूल्य ज्ञान, शिक्षा एवं जीवन में उन्नत शिखर तक पहुचने के लिए विद्यालय से ही अंकुरित होता है जो आगे एक सुसज्जित रूप में अपने आप को ढ़ालता है । यानि संक्षेप में कहें तो विद्यार्थिओं को जिस प्रकार का स्कूली माहौल एवं शिक्षा दी जाए उनके जीवन को सुद्रण करने में वह वैसा की सफलता के आयाम हासिल करेगा।आइये आज हम आपको एक ऐसी वास्तवित एक विद्यालय की सफलता है की कहानी से परिचित कराते है जो जिसे पढ़कर या सुनकर अन्य विद्यालयों एवं विद्यार्थिओं के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगी। मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिला जो कि सतपुड़ा अंचल में बसा जिला है जो अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए जाना जाता है । जिला मुख्यालय से महज 13 किमी की दूरी पर एक विद्यालय है जिसकी स्थापना करीब 1965 के दशक में हुई होगी । गाँव के बड़े बुजुर्गों के अनुसार सबसे पहले यहाँ स्कूल गाँव में किसी घर में शुरू हुआ, गाँव वाले एक बहुत पुराने स्कूल शिक्षक का नाम लेते थे जिन्होंने स्कूल की स्थापना करी उनका नाम था श्री अवस्थी गुरूजी, उन्होंने यहा बच्चों के लिए शिक्षा का पदार्पण किया । इसके बाद अ...
0 योगेश भट्ट 0 कोटद्वार : उत्तराखण्ड के कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल के पत्रकार और समाजसेवी प्रवीन थापा कोटद्वार से 230 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर 12 अगस्त को दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंचे।। कुतुब मेल संवाददाता योगेश भट्ट से एक मुलाकात में प्रवीन थापा ने बताया कि उत्तराखंड में किसी भी तरह का कोई विकास नहीं हुआ है,सबसे बुरा हाल लिंक रोड का है उन्होनें कहा कि चिल्लरखाल हरिद्वार मोटरमार्ग का निर्माण न होने से लोगों को बहुत मुश्किल होती है,उनकी इस यात्रा का मक्सद लोगों को जागरुक करना साथ ही उत्तराखंड के लोगों की मूल रूप से समस्या को सरकार तक पहुंचाना है।। कोटद्वार की चिल्लर खाल हरिद्वार मोटर मार्ग का निर्माण न होने से लाखों लोगों को रोजाना आने जाने के लिए बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है।। प्रवीन थापा का मकसद कोटद्वार से दिल्ली की 230 किलोमीटर की पैदल यात्रा को करने का कारण उत्तराखंड विशेषकर चिल्लर खाल की रोड निर्माण समस्या को केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी से मुलाकात कर उन्हें रोड निर्माण की वर्षों पूरानी समस्या को उनके सामने रखना साथ ही रोड निर्माण करवाने के लिए नीतिन गडकरी से आग्रह करना ...
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