देशभर में 670 रक्तदान शिविर आयोजित, 50 हजार यूनिट रक्त एकत्रित

० अशोक चतुर्वेदी ० 
आबूरोड। विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य में भारत और नेपाल में चलाए जा रहे रक्तदान महाअभियान में 670 शिविरों के माध्यम से 50 हजार यूनिट रक्तदान किया जा चुका है। 1500 शिविरों के माध्यम से एक लाख से अधिक रक्तदान कर वर्ल्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है। वहीं मुख्यालय शांतिवन के डायमंड हाल में आयोजित विशाल रक्तदान शिविर में 644 रक्तवीरों ने रक्तदान किया। इसमें 251 यूनिट रक्तदान ब्रह्माकुमारी बहनों ने किया।
पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18वीं पुण्यतिथि (25 अगस्त) विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य में समाजसेवा प्रभाग द्वारा भारत सहित नेपाल में रक्तदान महाअभियान चलाया जा रहा है। संस्थान के भारत व नेपाल के सेवा केंद्रों पर 25 अगस्त तक रक्तदान शिविर आयोजित जाएंगे। अभियान के तहत डेढ़ लाख यूनिट रक्तदान का संकल्प लिया गया है।
संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके संतोष दीदी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है “दानं परमं बलम्।” अर्थात दान ही सबसे बड़ा बल है। दान केवल धन का ही नहीं होता, सबसे श्रेष्ठ दान है जीवनदान। रक्तदान उसी जीवनदान की श्रेणी में आता है। जब हम किसी को रक्त देते हैं, तब हम न केवल उसके शरीर की सहायता करते हैं, बल्कि उस आत्मा को नया अवसर भी प्रदान करते हैं कि वह अपनी जीवनयात्रा को आगे बढ़ा सके।
अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा कि युवा शक्ति ही राष्ट्र की सच्ची शक्ति है। अगर हर युवा वर्ष में केवल दो बार रक्तदान करे तो देश में रक्त की कभी कमी नहीं होगी। अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने कहा कि रक्तदान शिविर वास्तव में यह अवसर केवल एक कार्यक्रम भर नहीं है, बल्कि यह मानवता, करुणा और सेवा की भावना का उत्सव है। जब हम रक्तदान करते हैं, तो वास्तव में हम किसी की धड़कन को जीवनदान देते हैं।
 हमारा कुछ क्षण का यह छोटा-सा त्याग किसी परिवार के लिए अनमोल खुशी का कारण बन सकता है। ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. प्रताप मिड्‌ढा ने बताया कि एक यूनिट रक्त से तीन से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है। रक्तदान के 24–48 घंटों के भीतर शरीर में नया रक्त बनने लगता है, जिससे रक्त ताज़ा और स्वस्थ रहता है।

समाजसेवा प्रभाग एवं रक्तदान महा अभियान के राष्ट्रीय संयोजक बीके अवतार भाई ने बताया कि ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा पहली बार पूरे भारतवर्ष और नेपाल में इतने बड़े स्तर पर रक्तदान महा अभियान चलाया जा रहा है। समाजसेवी संगठन, रोटरी क्लब, लायंस क्लब और स्थानीय सरकारी ब्लड बैंक के सहयोग से यह शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। प्रो. बीके गिरीश भाई व प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके बीरेंद्र भाई ने बताया कि रक्तदान महाअभियान के समापन के बाद सभी जगह से डाटा कलेक्शन किया जाएगा। इसके बाद वर्ल्ड रिकार्ड के लिए दावेदारी की जाएगी।

इस मौके पर बीके लीला दीदी, मेडिकल विंग के सचिव डॉ. बीके बनारसी लाल, डॉ. सतीश गुप्ता, वरिष्ठ राजयोगी बीके मोहन सिंघल भाई व बीके प्रकाश भाई, सफाई विभाग के प्रभारी बीके जगदीश भाई, बीके अमरदीप भाई, बीके बीरेंद्र भाई, बीके भानु भाई सहित अन्य भाई-बहनेें मौजूद रहे। शिविर में ट्रामा सेंटर के ब्लड बैंक के प्रभारी बीके धर्मेंद्र भाई व उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।

 आबूरोड बीके कॉलोनी निवासी 60 वर्षीय नेहा बहन ने बताया कि मैं बहुत सालों से रक्तदान कर रही हूं, लेकिन आज विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य में रक्तदान करके जो खुशी और आनंद की अनुभूति हो रही है उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं। मेरी उम्र ज्यादा होने के बाद भी मैं आज भी पूरे उत्साह के साथ रक्तदान में भाग लेती हूं।
 योगीनगर निवासी 45 वर्षीय बीके मीना बहन ने बताया कि मैंने जीवन में पहली बार रक्तदान किया है। पहले मेरे मन में रक्तदान को लेकर बहुत से भ्रम थे लेकिन अब सब दूर हो गए हैं। मेरा सभी नारी शक्ति से आहृान है कि रक्तदान जरूर करें।

हरियाणा गुरुग्राम की 30 वर्षीय बीके शेफाली ने बताया कि मैंने पहली बार दादी जी की पुण्य तिथि पर रक्तदान किया है। दादीजी ने पूरे विश्व में आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग के प्रचार-प्रसार में अपना जीवन लगा दिया। मानवता की सेवा उनका पहला धर्म था। शांतिवन निवासी बीके महावीर भाई ने बताया कि आज 11वीं बार रक्तदान कर रहा हूं। मेरा युवाओं को यही संदेश है कि रक्तदान करते रहें। आपका रक्तदान किसी का जीवनदान हो सकता है। किसी की जिंदगी में रोशनी भर सकता है।

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