जयपुर में प्रथम युवा सस्टेनेबिलिटी कॉन्फ्रेंस

० संवाददाता द्वारा ० जयपुर : वॉयसेज़ ऑफ भारत : युवा फॉर सस्टेनेबिलिटी द्वारा आयोजित‘ग्रीन इंडिया के लिए सस्टेनेबिलिटी स्टोरीटेलिंग: युवाओं को सशक्त बनाने का एक आंदोलन’ की शुरुआत जयपुर में 21 जुलाई को होगा. यह अभिनव पहल देशभर में पर्यावरण जागरूकता और जलवायु कार्रवाई के लिए एक युवा-केन्द्रित जन आंदोलन होगा सम्मेलन का उद्घाटन संजय शर्मा, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, राजस्थान द्वारा किया जाएगा। विशेष संबोधन देंगी डॉ. मंजू बघमार, मंत्री, महिला एवं बाल विकास एवं बाल सशक्तिकरण।

मुख्य वक्तव्य देंगे राजेन्द्र सिंह, जिन्हें ‘जलपुरुष’ के रूप में जाना जाता है और जो मैगसेसे पुरस्कार एवं स्टॉकहोम वाटर प्राइज़ से सम्मानित हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस वर्ष 5 जून, विश्व पर्यावरण दिवस पर वॉयसेज़ ऑफ भारत: युवा फॉर सस्टेनेबिलिटी पहल का शुभारंभ किया था। इस अवसर पर उन्होंने कहा था:“मुझे यह राष्ट्रव्यापी पहल आरंभ करते हुए प्रसन्नता हो रही है, जो छात्रों को स्टोरीटेलिंग के माध्यम से जन-संवेदनशीलता और पर्यावरणीय कार्रवाई हेतु सक्षम बनाएगी।”

इस सम्मेलन का आयोजन सस्टेनेबिलिटी कर्मा द्वारा किया जा रहा है और लोक संवाद संस्थान इसका कार्यान्वयन सहयोगी है। कनोरिया पीजी महिला महाविद्यालय, राजस्थान विश्वविद्यालय आयोजन भागीदार के रूप में सम्मिलित है। सम्मेलन से पहले संजय शर्मा ने आधिकारिक न्यूज़लेटर का विमोचन करते हुए कहा : “आइए हम युवा परिवर्तनकर्ताओं को सशक्त बनाएं और हरित भारत का निर्माण करें।” डॉ. मंजू बघमार ने पूर्व में सम्मेलन के पोस्टर का अनावरण करते हुए कहा :

“हमारे दादा-दादी, नाना-नानी अनुभव और मूल्यों की जीवंत पुस्तकालय हैं। उनकी कहानियाँ, जो गांवों और प्रकृति से जुड़ी होती हैं, युवाओं को पर्यावरण के प्रति पुनः जोड़ने की कुंजी बन सकती हैं। राजेन्द्र सिंह, जो जल संरक्षण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपने अग्रणी कार्य के लिए प्रसिद्ध हैं, सम्मेलन में मुख्य वक्ता होंगे। उनका जीवन कार्य जमीनी स्तर पर समुदाय-आधारित संसाधन प्रबंधन और जलवायु सहनशीलता का आदर्श उदाहरण है।

राजीव टिक्कू, वॉयसेज़ ऑफ भारत: युवा फॉर सस्टेनेबिलिटी के संयोजक एवं सस्टेनेबिलिटी कर्मा के सलाहकार संपादक ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य युवाओं को प्रशिक्षित करना है ताकि वे कहानीकार बनकर जनमानस की सोच को प्रभावित कर सकें और जलवायु कार्रवाई के लिए प्रेरित कर सकें। कल्याण सिंह कोठारी, सह-संयोजक एवं लोक संवाद संस्थान के सचिव ने कहा कि भारत के हरित भविष्य के लिए लाखों युवाओं को सस्टेनेबिलिटी के प्रति संवेदनशील बनाना अत्यंत आवश्यक है।

 डॉ. सीमा अग्रवाल, प्राचार्या, कनोरिया पीजी महिला महाविद्यालय, ने कहा : “हमारा महाविद्यालय छात्रों को अकादमिक के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल से सशक्त बनाने हेतु स्थापित हुआ है। इस सम्मेलन के माध्यम से हम ‘सस्टेनेबिलिटी चैंपियन’ तैयार करना चाहते हैं जो परिवर्तन के अग्रदूत बन सकें।”

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