राजस्थान के सरकारी विश्वविद्यालयों के पेंशनर्स हुए लामबंद

० आशा पटेल ० 
जयपुर । शहीद स्मारक पर पुलिस आयुक्तालय परिसर में फेडरेशन ऑफ़ द पेंशनर्स ऑफ़ द स्टेट यूनिवर्सिटीज आफ राजस्थान एवं राजस्थान विश्वविद्यालय पेंशनर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में लामबंद होकर विशाल धरना आयोजित किया गया। इस धरने में राज्य भर से आए शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। इस धरने में RUCTA, RUTA, शैक्षणिक कर्मचारी संघ राजस्थान विश्वविद्यालय,राजस्थान विश्वविद्यालय सेवानिवृत कर्मचारी संगठन एवं अखिल विश्वविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी संगठन का भी समर्थन मिला।
रूपा के महासचिव प्रो एन के लोहिया ने कहा कि प्रदेश के कोने कोने से जुटे सैकड़ों पेंशनर्स ने अपनी अपनी परेशानी बयां की । इस धरने में मांग की गई सरकार कॉलेज पेंशनर्स की भांति विश्वविद्यालयों के पेंशनर्स को भी पेंशन का भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से करें। राज्य सरकार से वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में लगातार वित्तीय संसाधनों की कमी होती जा रही है जिससे पेंशन के भुगतान का एक बड़ा संकट विश्व विद्यालयों के सामने खड़ा हो गया है।
प्रदेश के कोने कोने से जुटे वक्ताओं ने कहा के सभी वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में पेंशन राज्य सरकार के आदेश 1990 से प्रारंभ की गई थी। अभी तक सभी विश्वविद्यालय स्वयं की आय से पेंशन का भुगतान करते आ रहे हैं। किंतु अब सभी विश्वविद्यालयों में वित्तीय संसाधन के स्रोत निरंतर कम होते जा रहे हैं, जिससे पेंशन भुगतान मैं गंभीर संकट खड़ा हो गया . नवीन विश्वविद्यालयों के सृजन से भी प्राइवेट छात्रों की फीस में निरंतर कमी होती रही है इससे भी वित्तीय संकट बढ़ गया है। वक्ताओं का कहना था कि अन्य राज्यों में जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ में पेंशन का भुगतान राज्य सरकार ही करती है।
यहां तक कि उच्चतम न्यायालय भी अपने निर्णय में यह स्पष्ट कर चुका है कि विश्वविद्यालय पेंशनर्स को भी सरकार द्वारा ही पेंशन का भुगतान किया जाना चाहिए। वर्तमान में सभी पेंशनर्स आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार विश्वविद्यालयों में कार्यरत/सेवारत कर्मचारी एवं पेंशनर्स को जब वेतन का भुगतान कर रही है तो पेंशन का भुगतान भी ट्रेजरी के माध्यम से किया जाना चाहिए। इस अवसर पर पेंशनर्स फेडरेशन रूपा के अध्यक्ष प्रो हरि शंकर शर्मा ने कहा
कि हम स्पष्ट करना चाहेंगे राजस्थान राज्य के सभी वित्तपोषित विश्वविद्यालयों में कुल 8000 पेंशनर्स हैं जिन पर प्रतिवर्ष मात्र 550 करोड़ रुपए का पेंशन खर्च आता है । राज्य सरकार के पेंशनर्स पर 25000 करोड़ रुपए का खर्च आता है ।जो राज्य कर्मचारियों के पेंशन भुगतान का केवल 2% से भी कम है। धरने में यह भी मांग उठी की राज्य सरकार वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में पेंशन भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से ही करने की व्यवस्था करें।

धरने में फेडरेशन के उपाध्यक्ष जोधपुर के प्रो आर एन शर्मा,महासचिव प्रो एन के लोहिया ,प्रो बी के शर्मा, मूलचंद जाट , रूवा की अध्यक्ष रही लाड कुमारी, भूपेंद्र सिंह शेखावत, अशोक शर्मा आदि सभी पेंशनर्स ने अपनी मांग रखी।

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