स्पेन में डॉ. रमेश गांधी ने ए.आई.अवतार से दी हाईटेक प्रस्तुति
स्पेन / जयपुर। स्पेन के एलिकांटे में आयोजित 9वें वर्ल्ड सोशल मार्केटिंग कॉन्फ्रेंस में डब्ल्यू.एच.ओ. सिविल सोसाइटी कमीशन के संचार और नेटवर्किंग कार्य समूह के सदस्य डॉ. रमेश गांधी ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए एक प्रभावशाली प्रस्तुति दी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के सत्र को हाईटेक वर्चुअल अवतार द्वारा संबोधित किया । डॉ. गांधी ने "स्मैशिंग द स्मोक स्क्रीन : तंबाकू के छल विज्ञापनों को रोकने पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। डॉ. गांधी की प्रस्तुति इस सम्मेलन में भारत से एकमात्र रिसर्च पेपर था जो कि तंबाकू के भ्रामक छल-विज्ञापनों व और कपटपूर्ण मार्केटिंग षड्यंत्रों को रोकने की रणनीति पर प्रकाश डालता है।
डॉ. गांधी ने कहा कि तंबाकू एक "वैश्विक आपातकाल" है, साथ ही उन्होंने भारत में तंबाकू द्वारा की जा रही तबाही के भयावह आँकड़े प्रस्तुत किए : भारत में 26.7 करोड़ तंबाकू उपयोगकर्ता हैं। देश में तंबाकू के कारण प्रति वर्ष 13 लाख मौतें दर्ज की जाती हैं। अनुमानित वार्षिक आर्थिक बोझ 27.5 बिलियन डॉलर है, जो भारतीय रुपये ₹2.42 लाख करोड़ के बराबर है।
सरोगेट विज्ञापन 5 प्रमुख कानूनों का उल्लंघन करते हैं बताया कि भारत में कैसे सरोगेट विज्ञापन से जानबूझकर पाँच प्रमुख कानून को तोड़ा जाता है यह W.H.O. के एफ.सी.टी.सी. का अनुच्छेद 13.यह भारतीय कोटपा अधिनियम, 2003 की धारा 5 ; उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019;छल विज्ञापन केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, 1995 ; एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) द्वारा स्थापित आचार संहिता.डॉ. गांधी ने कहा कि सरोगेट विज्ञापन में शामिल अभिनेता और खिलाड़ी "सामाजिक नायक नहीं, बल्कि सामाजिक खलनायक" है|
डॉ. गांधी के ऐ. आई. अवतार व प्रस्तुति में भारत की आईटी कंपनी ' काईटेन सॉफ्टवेयर' ने तथा रिसर्च में भारतीय कंपनी ' गाइडर इनौवर्सिटी' ने अहम भूमिका निभाई फिल्म का समावेश: डॉ. रमेश गांधी द्वारा सरोगेट विज्ञापन पर बनाई गई एक फिल्म के अंश भी शामिल थे, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के विशेषज्ञों द्वारा छल विज्ञापनों पर अपने आलोचनात्मक विचार बताए गए.
रणनीतिक मॉडल: राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में किए गए अपने शोध के आधार पर, डॉ. गांधी ने तंबाकू के सरोगेट विज्ञापन को रोकने के लिए एक रणनीतिक मॉडल प्रस्तुत किया। उक्त मॉडल के बहुमुखी होने के कारण इसका उपयोग शराब, ड्रग्स और अन्य हानिकारक उत्पादों तथा अवधारणाओं के सरोगेट विज्ञापनों को रोकने के लिए भी किया जा सकता है। उक्त सम्मेलन में निम्नलिखित अन्य विशेषज्ञों द्वारा भी प्रस्तुति दी गई-जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका के प्रोफेसर डॉग ईवान एलीकाँटे यूनिवर्सिटी, स्पेन की प्रोफेसर मेयो डी जुआन ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शरीन रंडल.
डॉ. गांधी ने कहा कि तंबाकू एक "वैश्विक आपातकाल" है, साथ ही उन्होंने भारत में तंबाकू द्वारा की जा रही तबाही के भयावह आँकड़े प्रस्तुत किए : भारत में 26.7 करोड़ तंबाकू उपयोगकर्ता हैं। देश में तंबाकू के कारण प्रति वर्ष 13 लाख मौतें दर्ज की जाती हैं। अनुमानित वार्षिक आर्थिक बोझ 27.5 बिलियन डॉलर है, जो भारतीय रुपये ₹2.42 लाख करोड़ के बराबर है।
सरोगेट विज्ञापन 5 प्रमुख कानूनों का उल्लंघन करते हैं बताया कि भारत में कैसे सरोगेट विज्ञापन से जानबूझकर पाँच प्रमुख कानून को तोड़ा जाता है यह W.H.O. के एफ.सी.टी.सी. का अनुच्छेद 13.यह भारतीय कोटपा अधिनियम, 2003 की धारा 5 ; उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019;छल विज्ञापन केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, 1995 ; एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) द्वारा स्थापित आचार संहिता.डॉ. गांधी ने कहा कि सरोगेट विज्ञापन में शामिल अभिनेता और खिलाड़ी "सामाजिक नायक नहीं, बल्कि सामाजिक खलनायक" है|
डॉ. गांधी के ऐ. आई. अवतार व प्रस्तुति में भारत की आईटी कंपनी ' काईटेन सॉफ्टवेयर' ने तथा रिसर्च में भारतीय कंपनी ' गाइडर इनौवर्सिटी' ने अहम भूमिका निभाई फिल्म का समावेश: डॉ. रमेश गांधी द्वारा सरोगेट विज्ञापन पर बनाई गई एक फिल्म के अंश भी शामिल थे, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के विशेषज्ञों द्वारा छल विज्ञापनों पर अपने आलोचनात्मक विचार बताए गए.
रणनीतिक मॉडल: राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में किए गए अपने शोध के आधार पर, डॉ. गांधी ने तंबाकू के सरोगेट विज्ञापन को रोकने के लिए एक रणनीतिक मॉडल प्रस्तुत किया। उक्त मॉडल के बहुमुखी होने के कारण इसका उपयोग शराब, ड्रग्स और अन्य हानिकारक उत्पादों तथा अवधारणाओं के सरोगेट विज्ञापनों को रोकने के लिए भी किया जा सकता है। उक्त सम्मेलन में निम्नलिखित अन्य विशेषज्ञों द्वारा भी प्रस्तुति दी गई-जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी, अमेरिका के प्रोफेसर डॉग ईवान एलीकाँटे यूनिवर्सिटी, स्पेन की प्रोफेसर मेयो डी जुआन ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शरीन रंडल.
अमेरिका सोशल मार्केटिंग एसोसिएशन की उपाध्यक्ष व टफ्ट यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर लिंडा वार्डफील्ड
प्रतिभागी देश: उक्त सम्मेलन में देश के अतिरिक्त यू.के. इजिप्ट जर्मनी, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, टर्की, स्कॉटलैंड, पुर्तगाल, अर्जेंटीना, नीदरलैंड सहित कुल 34 देश के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। वैश्विक संपर्क के लिए क्यू.आर. कोड: छल विज्ञापन रोकना एक वैश्विक मुद्दा है, इसलिए दुनिया के सभी प्रबुद्ध तथा जागरूक लोगों को इस अभियान से जोड़ने के लिए एक क्यू.आर. कोड भी जारी किया गया है।
प्रतिभागी देश: उक्त सम्मेलन में देश के अतिरिक्त यू.के. इजिप्ट जर्मनी, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, टर्की, स्कॉटलैंड, पुर्तगाल, अर्जेंटीना, नीदरलैंड सहित कुल 34 देश के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। वैश्विक संपर्क के लिए क्यू.आर. कोड: छल विज्ञापन रोकना एक वैश्विक मुद्दा है, इसलिए दुनिया के सभी प्रबुद्ध तथा जागरूक लोगों को इस अभियान से जोड़ने के लिए एक क्यू.आर. कोड भी जारी किया गया है।
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