माँ

मुहम्मद नासिर ० 

बेटे ने
बीवी के कहने पर
माँ को
बुरी तरह पीटा।
माँ रोती हुई
थाने पहुंची।
थानेदार से बोली।

" मेरे ज़ालिम बेटे को
जिस ने मुझे
इस बे दर्दी से पीटा
उसे बुलाओ

और मेरे सामने मार लगाओ
ताके मुझे चैन मिले"
थानेदार गुरराया।
बेटे को थाने मे बुलाया।

बूड़िया के सामने मुर्गा बनाया
और एक जोरदार डंडा
कमर पर लगाया।
डंडा पड़ते ही
बेटा दर्द से चिल्लाया
माँ की ममता को जोश आया।

थानेदार ने
जैसे ही डंडा उठाया
माँ ने खुद को
बेटे की पीट पर झुकाया
और हाथ जोड़ कर फरमाया।
" थानेदार साहब,
मेरे बेटे को माफ कर दो! "

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "

"ग्लोबल अफेयर्स जयपुर ब्रेन्स ट्रस्ट" की स्थापना

वाणी का डिक्टेटर – कबीर

ऑल राज.विवि पेन्शनर्स महासंघ लामबंद सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

एक विद्यालय की सफलता की कहानी-बुनियादी सुविधाएँ व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए चर्चित

कोटद्वार के चिल्लरखाल रोड निर्माण समस्या को लेकर 230 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर दिल्ली पंहुचा पत्रकार