याद रखो
o मुहम्मद नासिर o
आधे अधूरे मन से क्यों
करते जाते अपने काम।
दिल को अपने खुद लो थाम
ले के उस मालिक का नाम
अपने रास्ते निकल पड़ो,
मुश्किल से बिल्कुल ना डरो,
इस से पहले ये समझो,
दिल को क़ाबू में रखो।
आधे अधूरे मन के काम
रहते हैं अकसर नाकाम।
खुद पे भरोसा रखो क़ायम
पूरे मन से कर लो काम
पूरे होंगें सब अरमान
आज हक़ीक़त को पहचान।
तेरी महनत रंग लायेगी
दुनिया को वो बतलाएगी।
मेहनत करने वालों की
हार कभी ना होती है
थक के रुक जाने वालों से
क़िस्मत खुश ना होती है।
आधे अधूरे मन से क्यों
करते जाते अपने काम।
दिल को अपने खुद लो थाम
ले के उस मालिक का नाम
अपने रास्ते निकल पड़ो,
मुश्किल से बिल्कुल ना डरो,
इस से पहले ये समझो,
दिल को क़ाबू में रखो।
आधे अधूरे मन के काम
रहते हैं अकसर नाकाम।
खुद पे भरोसा रखो क़ायम
पूरे मन से कर लो काम
पूरे होंगें सब अरमान
आज हक़ीक़त को पहचान।
तेरी महनत रंग लायेगी
दुनिया को वो बतलाएगी।
मेहनत करने वालों की
हार कभी ना होती है
थक के रुक जाने वालों से
क़िस्मत खुश ना होती है।
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