गणेश जन्मोत्सव पर मोती डूंगरी गणेश जी का होगा मेंहदी व नौलखा श्रृंगार
जयपुर। आज मोती डूंगरी गणेशजी चांदी के सिंहासन पर विराजमान होंगे, नौलखा श्रृंगार होगा, 3100 किलो मेहंदी बांटेंगे, और मोती डूंगरी गणेशजी धारण करेंगे स्वर्ण मुकुट का श्रृंगार। प्रथम पूज्य गणेशजी के जन्मोत्सव के तहत आज भाद्रपद शुक्ल तृतीया मंगलवार को गणेशजी का सिंजारा महोत्सव मनाया जाएगा। गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य को मेहंदी लगाकर श्रद्धालुओं को वितरित की जाएगी। घरों में भी सिंजारा महोत्सव पर बच्चों के हाथों पर मेहंदी लगाई जाएगी।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर में शाम 7 बजे गणेशजी का विशेष श्रृंगार कर सिंजारे की मेहंदी लगाई जाएगी। महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि सभी भक्तजनों में सोजत की 3100 किलो मेहंदी का वितरण किया जाएगा। विशेष पोशाक धारण कर गणेशजी महाराज चांदी के सिंहासन पर विराजमान होंगे और स्वर्ण मुकुट धारण करेंगे। उन्होंने बताया कि यह मुकुट केवल गणेश चतुर्थी पर ही धारण कराया जाता है।
महंत ने बताया कि गणेशजी महाराज का आज पारंपरिक नौलखा श्रृंगार किया जाएगा। नौलड़ी के नौलखा हार में मोती, सोना, पन्ना, माणक आदि के भाव स्वरूप दर्शाए जायेंगे। महंत जी ने बताया कि इसे बनाने में तीन माह लगते हैं। सिंजारा महोत्सव पर भक्ति संध्या और रात्रि में जागरण भी होगा। महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए डोरा और मेहंदी की अलग से व्यवस्था होगी। आज आगंतुक सभी श्रद्धालु गण मनौती सूत्र भी बांध सकेंगे।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर में शाम 7 बजे गणेशजी का विशेष श्रृंगार कर सिंजारे की मेहंदी लगाई जाएगी। महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि सभी भक्तजनों में सोजत की 3100 किलो मेहंदी का वितरण किया जाएगा। विशेष पोशाक धारण कर गणेशजी महाराज चांदी के सिंहासन पर विराजमान होंगे और स्वर्ण मुकुट धारण करेंगे। उन्होंने बताया कि यह मुकुट केवल गणेश चतुर्थी पर ही धारण कराया जाता है।
महंत ने बताया कि गणेशजी महाराज का आज पारंपरिक नौलखा श्रृंगार किया जाएगा। नौलड़ी के नौलखा हार में मोती, सोना, पन्ना, माणक आदि के भाव स्वरूप दर्शाए जायेंगे। महंत जी ने बताया कि इसे बनाने में तीन माह लगते हैं। सिंजारा महोत्सव पर भक्ति संध्या और रात्रि में जागरण भी होगा। महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए डोरा और मेहंदी की अलग से व्यवस्था होगी। आज आगंतुक सभी श्रद्धालु गण मनौती सूत्र भी बांध सकेंगे।
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