राजस्थान एस्ट्रो टूरिज्म में अग्रणी बनाने के लिए हुआ राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस

० आशा पटेल ० 
जयपुर । उपमुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दिया कुमारी की पहल पर राजस्थान को एस्ट्रो टूरिज्म में अग्रणी प्रदेश बनाने के लिए जयपुर स्थित यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल जंतर मंतर पर राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का आयोजन किया गया। राजस्थान पर्यटन विभाग और स्पेस इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम के अवसर पर उप मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दिया कुमारी ने मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रही।
उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इस अवसर पर कहा कि आज ऐतिहासिक और गौरवशाली क्षण है कि राजस्थान में पहली बार, पूरे 300 वर्षों के बाद जंतर मंतर के भव्य यंत्रों का प्रयोग लाइव एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेशन्स के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि मैं भी अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनना चाहती थी, लेकिन राजनीतिज्ञ बन गई उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से आज का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि हमारी समृद्ध परंपरा और गहन खगोल ज्ञान को पुनर्जीवित करने का एक अद्वितीय अवसर है।
उन्होंने कहा कि यह आयोजन पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार और स्पेस इंडिया के सहयोग से संभव हुआ है। यह केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि विज्ञान, संस्कृति और इतिहास का संगम है। भारत का प्राचीन ज्ञान और आधुनिक अंतरिक्ष उपलब्धियों को मिलकर पूरी दुनिया को दिशा देने की क्षमता रखते हैं
राजस्थान अपने किलों, महलों और विरासत के लिए विश्वविख्यात है। लेकिन आज हम यह भी सिद्ध कर रहे हैं कि राजस्थान ज्ञान और वैज्ञानिक विजन की भी धरती है। उन्होंने कहा कि हमारी धरोहर केवल संरक्षित करने के लिए नहीं है, बल्कि उसे जीने, अनुभव करने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का विषय प्राचीन आकाश से अंतरिक्ष युग तक है।

दिया कुमारी ने कहा कि यह हमारे गौरवशाली सफर को प्रदर्शित करता है-जब महाराजा सवाई जय सिंह  ने इन भव्य यंत्रों से आकाश का अध्ययन किया और आज भारत चंद्रयान और गगनयान जैसे मिशनों के माध्यम से नए क्षितिज छू रहा है। उन्होंने इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने के लिए पर्यटन विभाग, राजस्थान सरकार और स्पेस इंडिया बधाई दी।

उपमुख्यमंत्री ने इस अवसर पर इसरो के द्वारा लगाई गई अंतरिक्ष उपलब्धियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने वाटर रोकेट्री का अवलोकन किया और साथ ही टेलीस्कोप का उपयोग कर अंतरिक्ष अवलोकन का भी सजीव अनुभव किया। कार्यक्रम में भारत की खगोल विद्या और आधुनिक अंतरिक्ष उपलब्धियां चंद्रयान से लेकर गगनयान तक को एक सत्र में प्रस्तुत किया गया है। 

 जिनमें विशेष व्याख्यान जंतर मंतर से चंद्रयान तक इंट्रेक्टिव साइंस जॉन सुरक्षित सूर्य अवलोकन सौरमंडल वर्क मॉडल स्पेस क्वीज वॉटर रॉकेट लॉन्च बच्चों के लिए आयोजित हुए। स्पेस थीम आर्ट और क्राफ्ट एग्जीबिशन भारत अंतरिक्ष अन्वेषण का भविष्य लाइव टेलीकास्ट किया गया। इस मौके पर राजस्थान से हम इसरो में सेवाएं दे चुके वैज्ञानिकों ने भी विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को खगोलीय विज्ञान की गहराई से जानकारी दी।

इस अवसर पर पर्यटन विभाग की आयुक्त रुक्मणी रियाड़ ने भी अंतरिक्ष विज्ञान में रूचि रखने वाले वैज्ञानिकों, छात्र-छात्राओं और नागरिकों का उत्साह वर्धन किया। डॉक्टर सचिन भाभा ने बताया कि इस आयोजन में पहली बार जंतर मंतर के प्राचीन यंत्रों का उपयोग लाइव खगोलीय अवलोकन के लिए किया गया ।

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