सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड और जर्मनी की आईएससी कोंस्टांज के बीच पार्टनरशिप
नई दिल्ली : भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र (रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर) के लिए एनएसई सोलर मैन्युफैक्चरर, सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड (Solex Energy Limited ) ने सोलर सेल निर्माण में उन्नत अनुसंधान एवं विकास के लिए जर्मनी की आईएससी कोंस्टांज (ISC Konstanz) के साथ एक करार (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। दिल्ली में सोलेक्स लीडरशिप, आईएससी कोंस्टांज के प्रतिनिधि और प्रमुख इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स शामिल हुए।
इस साझेदारी के माध्यम से, आईएससी कोंस्टांज, सोलेक्स को अपनी आगामी टॉपकॉन सेल लाइन को अपग्रेड करने और नेक्स्ट जनरेशन रियर कॉन्टैक्ट और सी-एसआई टैंडम/पेरोव्स्काइट सौर तकनीकों को अपनाने के लिए व्यापक तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। यह सहयोग आईएससी कोंस्टांज के पेटेंट पोर्टफोलियो द्वारा समर्थित सोलेक्स के इन-हाउस आर एंड डी लाइन को भी सक्षम बनाएगा, जिससे भारत में निरंतर इनोवेशन और उच्च दक्षता वाले सोलर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. चेतन शाह ने कहा: "यह साझेदारी तकनीकी उत्कृष्टता और वैश्विक नेतृत्व की ओर सोलेक्स की यात्रा में एक निर्णायक अध्याय है। हमारे विज़न 2030 के तहत, हम भारत को सोलर इनोवेशन के केंद्र में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसका लक्षित मूल्यांकन ₹1 लाख करोड़ है और 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश और 25,000 उच्च कुशल टीम इस विज़न को आगे बढ़ा रहे हैं।
पिछले साल, रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया (REI) एक्जिबिशन 2024 के दौरान, सोलेक्स ने रेक्टेंगुलर सेल द्वारा संचालित भारत का पहला सोलर मॉड्यूल पेश किया, जिसने देश में तकनीकी नेतृत्व के लिए एक मिसाल कायम की। इस साल, हम एक बार फिर भारत में सबसे उन्नत सौर तकनीकों में से एक लाकर और इसकी विरासत को बनाए रखते हुए इतिहास रच रहे हैं। हम समुदायों, उद्योगों और राष्ट्र को सशक्त बनाने वाले सर्वश्रेष्ठ समाधान प्रदान करें, हमारी प्रतिबद्धता कस्टमर-फर्स्ट बनी हुई है।
उन्होंने कहा, "हमारा ध्यान केवल क्षमता बढ़ाने पर ही नहीं, बल्कि दक्षता, विश्वसनीयता और प्रदर्शन के माध्यम से बेजोड़ मूल्य प्रदान करने पर भी है। भारत, यूरोप और अमेरिका में अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार करते हुए, हमारा लक्ष्य एक ऐसा भविष्य बनाना है जहाँ स्वच्छ और हर घर किफ़ायती ऊर्जा हो, व्यवसाय और समुदाय को सशक्त बनाया जाय। आईएससी कोंस्टांज के साथ मिलकर, हम इस दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदल रहे हैं।
इस अवसर पर आईएससी कोंस्टांज में रणनीति और शिक्षा विभाग के प्रमुख डॉ. कोपेसेक राडोवन ने कहा: " आईएससी कोंस्टांज में, हम 2005 से लागत कम करते हुए लगातार फोटोवोल्टिक दक्षता बढ़ा रहे हैं। हमारा मिशन ऐसे रिसर्च परिणाम प्राप्त करना है जो उद्योग और समाज दोनों के लिए लाभकारी हों। हम ग्लोबल स्टैंडर्ड स्थापित करते हैं, दुनिया भर के भागीदारों और युवा प्रतिभाओं के साथ विशेषज्ञता साझा करते हैं, और अंतिम लक्ष्य के रूप में स्वच्छ सौर ऊर्जा को सभी के लिए सुलभ और किफायती बनाने के लिए प्रेरित रहते हैं। सोलेक्स एनर्जी के साथ हमारी साझेदारी हमें उस दृष्टिकोण को साकार करने और एक सफल वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के करीब लाती है।"
विज़न 2030 के तहत, सोलेक्स का लक्ष्य 10 गीगावाट सोलर मॉड्यूल और 10 गीगावाट सोलर सेल निर्माण क्षमता स्थापित करना है, जो भारतीय सोलर मैन्युफैक्चरिंग में नए मानक स्थापित करेगा। इसी कार्यक्रम में, सोलेक्स ने भारत के पहले रियर कॉन्टैक्ट सोलर मॉड्यूल, तापी रियर कॉन्टैक्ट, के कॉन्सेप्ट लॉन्च का अनावरण किया, जो डिज़ाइन और दक्षता में एक बड़ी छलांग का प्रतिनिधित्व करता है। तापी, सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड के तहत एक रजिस्टर्ड नाम और लोगो है।
सोलेक्स ने यह भी घोषणा की कि विजिटर्स 30 अक्टूबर से ग्रेटर नोएडा में शुरू होने वाले रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया (आरईआई) एक्सपो में कंपनी के इनोवेशंस को देख सकते हैं। कंपनी अपनी नवीनतम तकनीकों और तापी रियर कॉन्टैक्ट उत्पाद श्रृंखला का एक्जिबिशन हॉल 11 की बूथ संख्या R318 पर करेगी। अपनी विस्तार रणनीति के तहत, सोलेक्स भारत भर में और संयुक्त राज्य अमेरिका व यूरोप सहित अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में डीलरों और वितरकों के साथ नई साझेदारियों की सक्रिय रूप से तलाश कर रहा है, जिससे उसकी वैश्विक पहुँच और मज़बूत होगी।
इस साझेदारी के माध्यम से, आईएससी कोंस्टांज, सोलेक्स को अपनी आगामी टॉपकॉन सेल लाइन को अपग्रेड करने और नेक्स्ट जनरेशन रियर कॉन्टैक्ट और सी-एसआई टैंडम/पेरोव्स्काइट सौर तकनीकों को अपनाने के लिए व्यापक तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। यह सहयोग आईएससी कोंस्टांज के पेटेंट पोर्टफोलियो द्वारा समर्थित सोलेक्स के इन-हाउस आर एंड डी लाइन को भी सक्षम बनाएगा, जिससे भारत में निरंतर इनोवेशन और उच्च दक्षता वाले सोलर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. चेतन शाह ने कहा: "यह साझेदारी तकनीकी उत्कृष्टता और वैश्विक नेतृत्व की ओर सोलेक्स की यात्रा में एक निर्णायक अध्याय है। हमारे विज़न 2030 के तहत, हम भारत को सोलर इनोवेशन के केंद्र में बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसका लक्षित मूल्यांकन ₹1 लाख करोड़ है और 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश और 25,000 उच्च कुशल टीम इस विज़न को आगे बढ़ा रहे हैं।
पिछले साल, रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया (REI) एक्जिबिशन 2024 के दौरान, सोलेक्स ने रेक्टेंगुलर सेल द्वारा संचालित भारत का पहला सोलर मॉड्यूल पेश किया, जिसने देश में तकनीकी नेतृत्व के लिए एक मिसाल कायम की। इस साल, हम एक बार फिर भारत में सबसे उन्नत सौर तकनीकों में से एक लाकर और इसकी विरासत को बनाए रखते हुए इतिहास रच रहे हैं। हम समुदायों, उद्योगों और राष्ट्र को सशक्त बनाने वाले सर्वश्रेष्ठ समाधान प्रदान करें, हमारी प्रतिबद्धता कस्टमर-फर्स्ट बनी हुई है।
उन्होंने कहा, "हमारा ध्यान केवल क्षमता बढ़ाने पर ही नहीं, बल्कि दक्षता, विश्वसनीयता और प्रदर्शन के माध्यम से बेजोड़ मूल्य प्रदान करने पर भी है। भारत, यूरोप और अमेरिका में अपनी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार करते हुए, हमारा लक्ष्य एक ऐसा भविष्य बनाना है जहाँ स्वच्छ और हर घर किफ़ायती ऊर्जा हो, व्यवसाय और समुदाय को सशक्त बनाया जाय। आईएससी कोंस्टांज के साथ मिलकर, हम इस दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदल रहे हैं।
इस अवसर पर आईएससी कोंस्टांज में रणनीति और शिक्षा विभाग के प्रमुख डॉ. कोपेसेक राडोवन ने कहा: " आईएससी कोंस्टांज में, हम 2005 से लागत कम करते हुए लगातार फोटोवोल्टिक दक्षता बढ़ा रहे हैं। हमारा मिशन ऐसे रिसर्च परिणाम प्राप्त करना है जो उद्योग और समाज दोनों के लिए लाभकारी हों। हम ग्लोबल स्टैंडर्ड स्थापित करते हैं, दुनिया भर के भागीदारों और युवा प्रतिभाओं के साथ विशेषज्ञता साझा करते हैं, और अंतिम लक्ष्य के रूप में स्वच्छ सौर ऊर्जा को सभी के लिए सुलभ और किफायती बनाने के लिए प्रेरित रहते हैं। सोलेक्स एनर्जी के साथ हमारी साझेदारी हमें उस दृष्टिकोण को साकार करने और एक सफल वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के करीब लाती है।"
विज़न 2030 के तहत, सोलेक्स का लक्ष्य 10 गीगावाट सोलर मॉड्यूल और 10 गीगावाट सोलर सेल निर्माण क्षमता स्थापित करना है, जो भारतीय सोलर मैन्युफैक्चरिंग में नए मानक स्थापित करेगा। इसी कार्यक्रम में, सोलेक्स ने भारत के पहले रियर कॉन्टैक्ट सोलर मॉड्यूल, तापी रियर कॉन्टैक्ट, के कॉन्सेप्ट लॉन्च का अनावरण किया, जो डिज़ाइन और दक्षता में एक बड़ी छलांग का प्रतिनिधित्व करता है। तापी, सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड के तहत एक रजिस्टर्ड नाम और लोगो है।
एडवांस एन-टाइप रियर कॉन्टैक्ट तकनीक द्वारा संचालित, नया मॉड्यूल शून्य फ्रंट शेडिंग और असाधारण तापमान प्रदर्शन के साथ 24.60% तक दक्षता और 665W पावर आउटपुट प्रदान करता है। तापी रियर कॉन्टैक्ट का कमर्शियल प्रोडक्शन वित्त वर्ष 27 तक शुरू होने वाला है, जो प्रीमियम सोलर टेक्नोलॉजी के अगले युग में सोलेक्स के प्रवेश का प्रतीक है।
सोलेक्स ने यह भी घोषणा की कि विजिटर्स 30 अक्टूबर से ग्रेटर नोएडा में शुरू होने वाले रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया (आरईआई) एक्सपो में कंपनी के इनोवेशंस को देख सकते हैं। कंपनी अपनी नवीनतम तकनीकों और तापी रियर कॉन्टैक्ट उत्पाद श्रृंखला का एक्जिबिशन हॉल 11 की बूथ संख्या R318 पर करेगी। अपनी विस्तार रणनीति के तहत, सोलेक्स भारत भर में और संयुक्त राज्य अमेरिका व यूरोप सहित अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में डीलरों और वितरकों के साथ नई साझेदारियों की सक्रिय रूप से तलाश कर रहा है, जिससे उसकी वैश्विक पहुँच और मज़बूत होगी।
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