बाधाओं के बावजूद वाराणसी राजघाट से दिल्ली राजघाट तक पदयात्रा प्रारंभ
वाराणसी । गांधी जयंती के अवसर पर ‘एक कदम गांधी के साथ पदयात्रा’ तय थी। लेकिन प्रशासन ने दशहरा, कानून-व्यवस्था और पदयात्रा के लिए अनुमति न होने का हवाला देते हुए पुलिस प्रशासन ने बार-बार रोकने की कोशिश की। लेकिन पदयात्रा अपने संकल्प और उत्साह के साथ आखिर आगे बढ़ती ही गई और पहले पड़ाव पर पहुंची।
देशभर के 16 राज्यों से आए प्रतिनिधि अलग-अलग जत्थों के रूप में राजघाट परिसर पहुँचे, जहाँ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। सभी ने गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित किए। पदयात्रीयों ने सर्व सेवा संघ परिसर राजघाट से चलकर मलदहिया चौराहा स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और अन्याय के खिलाफ, सत्य के लिए लड़ने का संकल्प लिया। पदयात्रा में शामिल सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल ने डॉक्टर पारीख की मृत्यु को जन आंदोलनों की क्षति बताया। "आरोपो की आंधी में अडिग गांधी" पुस्तक का विमोचन भी हुआ।
राजघाट स्थित जिस सर्व सेवा संघ प्रकाशन को सरकार ने अवैध तरीके से बुलडोज कर दिया था, उसी के द्वारा प्रकाशित "आरोपों की आंधी में अडिग गांधी" लेखिका सुजाता की पुस्तक का यात्रा के दरमियान विमोचन किया गया। गांधी को लेकर समाज में जो भ्रम बनाने की कोशिश होती है, उसकी सच्चाई को यह पुस्तक उजागर करती है। अध्यक्ष चंदन पाल द्वारा लिखी पुस्तिका "पदयात्राओं का ऐतिहासिक सिलसिला , एक कदम गांधी के साथ" को सार्वजनिक किया गया। साथ ही चरखा संघ- चरखा आंदोलन के सौ साल होने के अवसर पर सर्वोदय डायरी के कवर पर महात्मा गांधी के मूल चित्र की प्रतिकृति आवरण कवर पर छापा गया हैं।
सरस्वती महिला पीजी कॉलेज की ओर दो घंटे की पदयात्रा के बाद पदयात्री पहुंचे जहां किसान नेता विनय शंकर राय, संजीव सिंह, सतीश सिंह के नेतृत्व में पदयात्रियों का स्वागत किया गया। इसके बाद एक सभा आयोजित की गई। सभा के दौरान कॉलेज के प्रबंधक राजेश्वर सिंह पटेल ने पदयात्रियों को शुभकामना देते हुए पदयात्रा के उद्देश्यों से एकजुटता प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सद्भाव, समानता और लोकतंत्र सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया की जरूरत हैं।इस यात्रा में देश के 16 प्रदेशों के पदयात्री और सहयोगी शामिल हुए हैं। तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, असम, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, गुजरात,झारखंड, महाराष्ट्र,पश्चिम बंगाल के साथी पदयात्री दल में शामिल हैं। सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल अध्यक्षरामधीरज, सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह व अरविंद अंजुम, सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक अशोक भारत,
युवा प्रकोष्ठ के संयोजक भूपेश भूषण, उड़ीसा सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष मिहिर प्रताप दास, पदयात्रा आयोजन समिति के संयोजक नंदलाल मास्टर, सर्वोदय समाज के पूर्व संयोजक डॉ सोमनाथ रोड़े, विनोबा आश्रम गागोदा की सरिता बहन, आचार्य कुल के अध्यक्ष आचार्य धर्मेंद्र, विदर्भ भूदान यज्ञ समिति के एकनाथ डगवार, लोक समिति के शिवजी सिंह, भारत जोड़ो अभियान के शाहिद कमाल, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के सुशील कुमार, राष्ट्रीय युवा संगठन के सचिन,
कर्नाटक से डॉक्टर एम एच पाटिल, केरल सर्वोदय मंडल के कोषाध्यक्ष पवित्रन, दिवाकर, तमिलनाडु श्रीनिवासन, ए आर पलानीसामी, तेलंगाना से खादर बैग, गुजरात से रश्मिन राठौड़, त्रिपुरा से जैनुल, सत्यमेव जयते के श्यामधर तिवारी,पश्चिम बंगाल से जीतेन नंदी, काजल मुखर्जी के अलावा मनीषा बनर्जी, जागृति राही, धनंजय, अनूप श्रमिक, विद्याधर, जोखन यादव, सिस्टर फ्लोरीन, निधि, सिराज अहमद, अंतर्यामी बरल, जगदीश कुमार, टी के सिन्हा,
अनोखेलाल,चौधरी राजेंद्र, रामजनम, सुरेश सिंह, राजनेत यादव,राबिया बेगम, गौरव पुरोहित, प्रियेश पांडे, विवेक यादव, विवेक मिश्रा, सचिन त्रिपाठी, सौरभ त्रिपाठी, इंदु पांडे, आसमा आदिवासी, दिवाकर सिंह, धनंजय त्रिपाठी,सानिया अनवर, विकास कुमार, पंकज श्रीवास्तव,आर पी गौतम,गोपाल आर टी आई, चंद्रमोहन पराशर, किसान नेता ईश्वर चंद्र त्रिपाठी,मृदुला सामवेदी,मधु सहाय,पत्रकार सुरेश पारीक सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वरचंद्र आदि शामिल हुए।
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